सोमवार, 29 अगस्त 2016

पवित्रात्मा से विनती :
हे पवित्रात्मा तू स्वर्ग से उत्तर आ।  तेरे ज्ञान के किरणों को स्वर्ग से भेज दे।  हे अगतियों के पिता, हे वरदाता , हृदय के प्रकाश, तू विराजमान हो।  हे भले सांत्वनादाता, हमारी आत्माओं की मधुर दावत, हे मीठी शीतलता, परेशानियों में सुकून, ताप में ठंडक, आंसू मैं दिलासा, तू विराजमान हो।  हे अति आनंद रूपी ज्योति, तेरे भक्तों के हृदय मैं भर जा।  तेरे ज्ञान के सिवा मनुष्यों मैं दोष के अलावा और कुछ भी नहीं है। घृणितों को धो डाल।  मुरझाये हुए को सींच डाल।  चोटग्रस्त को अच्छा कर।  बीमारों को चंगा कर।  जो ठंडा पड़ा है उसे गरम कर।  भटके हुए को सीधा कर।  तेरे शरण लेने वाले भक्तों को तेरे सात वरदानों से संपन्न बना।  हमे पुण्य के योग्य बना और सुखद मृत्यु और नित्यानंद हमें प्रदान कर।  आमीन।  

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