शुक्रवार, 17 नवंबर 2017

Dear Lord, after all these days praying to You, loving You we haven't learned the lesson of true humility. Our feelings are easily ruffled. Quick to offence and slow to forgive. Lord teach us the importance and necessity of this virtue which You have. Lord You are Son of God but love poor and needy, show the light of Your love to all from all caste, creed and sect. Lord help us to follow the example of St Anthony, Example of Humility.

शुक्रवार, 10 नवंबर 2017

You came into the world to heal our infirmities and to endure our sufferings. You went about healing all and bringing comfort to those in pain and need. We come before You in this time of illness asking that You may be source of strength in body, courage in spirit and patience in pain. Lord protect us and restore us to health so that we are united more closely to Your family, the Church, we may give praise and honour to Your name.

शुक्रवार, 1 सितंबर 2017

Prabhu ka prem

सर्वशक्तिमान ईश्वर का प्रेम हमारे जीने का आधार है, क्यूंकि सर्वशक्तिमान ईश्वर  ने हमें प्रेम किया और हमारी सृष्टि की, हमें अपना प्रतिबिम्ब बनाया।  सर्वशक्तिमान ईश्वर दस प्रेम का यहाँ आरम्भ होता है।  उन्होंने हमारे मूल पाप को भी क्षमा किया और हमें स्वयं से वंचित नहीं किया।  यही कारण है की प्रेम हमारे धर्म का मूल मंत्र है।  जिस प्रकार सर्वशक्तिमान ईश्वर ने हमसे प्रेम किया वैसे ही हम परस्पर प्रेम करें।  ऐसा हो तो सवर्ग यहीं है।  क्योंकी  कहते हैं की सवर्ग बादलों से परे कोई स्थान नहीं बल्कि वह है जहाँ सर्वशक्तिमान ईश्वर रहते हैं और सर्वशक्तिमान ईश्वर वहां रहते हैं जहाँ प्रेम हो।
हम जानते हैं की पवित्र ग्रंथ मैं लिखा है की पृथ्वी पर जब पाप बढ़ा तो जलप्रलय हुआ।  पापियों  मैं से सर्वशक्तिमान ईश्वर ने एक धर्मी नूह को चुना और समस्त प्राणियों की रक्षा की।  यह भी तो उनके पवन निश्छल प्रेम के कारण ही था।  सर्वशक्तिमान ईश्वर का प्रेम ही तो था जिसके कारण उन्होंने इस्राएल के लोगों को मिस्र की गुलामी से स्वतंत्र किया।  और सर्वशक्तिमान ईश्वर के प्रेम का सबसे बड़ा प्रमाण तो प्रभु ईसा हैं। प्रभु ईसा जिन्होंने स्वयं को हमारे लिए बलिदान कर दिया और अब भी प्रेम के कारण ही हमारे साथ हैं।
प्रभु ईसा के हमारे प्रति प्रेम की कोई तुलना नहीं हो सकती।  वह अतुलनीय, महान , विशाल, अगाध, संपूर्ण, प्रगाढ़, अनंत , समर्पित, मधु से मीठा , शक्तिशाली है।  प्रभु ईसा हमारे जीवंत प्रभु हैं। वे पवित्र परमपसद में सदैव हमारे साथ हैं।
मदर टेरेसा के अनुसार दुनिया में बहुत गरीबी है , लोग रोटी के भूखे हैं लेकिन उससे भी ज्यादा भूख संसार में प्रेम की है।  प्रेम जहाँ नहीं वहां सर्वशक्तिमान ईश्वर नहीं।  प्रभु ईसा के होने से हमारा जीवन खुशियों से भर जाता है।  प्रभु ईसा के प्रेम का परिमाण यह है की उसका कोई परिमाण नहीं।  प्रभु ईसा के प्रति हमने प्रेम प्रदर्शित किया है ? प्रभु ईसा दूसरों की सेवा करते थे इसलिए प्रभु ईसा के प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करने का सही मार्ग यह है की हम भी दूसरों की सहायता करें।  

सोमवार, 24 जुलाई 2017

St James Feast Day




हे यशस्वी प्रेरित,
संत याकूब, जिन्हें,
प्रभु ईसा ने प्रेम और जोश से परिपूर्ण ह्रदय के कारण अपने रूपांतरण का साक्षी बनाया , 
आपका नाम ही भलाई और जीत का प्रतीक है ,
हमारे लिए प्रभु ईसा से शक्ति मांगिये,
की हम प्रभु ईसा के बताये मार्ग पर चलें। आमेन।  

गुरुवार, 29 जून 2017

Holy Spirit prayer


Come Holy Spirit
Fill my heart with Your Holy gifts.

Let my weakness be penetrated with your strength this very day,
that I may fulfill all the duties of my state conscientiously
that I may do what is right and just.

That my charity be such as to offend no one
and hurt no ones feeling.
so generous as to pardon anyone who do wrong against me.

Assist me Holy Spirit in all
the trials of my life.
enlighten me in my ignorance,
advice me in my doubts,
strengthen me in my weakness,
help me in all my needs,
protect me in temptations,
and console me in afflictions.

Graciously hear me, O Holy Spirit,
and pour Your light into my heart,
my soul and my mind.

Assist me to live a holy life
and grow in goodness and grace,

सोमवार, 12 जून 2017

Pray

हम अक्सर प्रभु ईसा से मांगने में इतने व्यस्त हो जाते हैं की उनको धन्यवाद देने का तो ध्यान ही नहीं रहता। वैसे तो धन्यवाद फ्री है ........ पर फिर भी हम पता नहीं क्यों धन्यवाद देने मैं इतनी कंजूसी करते हैं।  हमारे प्रभु ईसा हमें प्रेम करने मैं कोई कमी नहीं करते। वे हमें नाप तौल  नहीं प्रेम करते।  उनके प्रेम को नापना मुश्किल है।  हमारे प्रेम करने वाले प्रभु ईसा को हम धन्यवाद दें .......................  

गुरुवार, 11 मई 2017

Prayer for strength

May the Strength of God guide us.
May the Power of God preserve us.
May the Wisdom of God instruct us.
May the Hand of God protect us.
May the Way of God direct us.
May the Shield of God defend us.
May the Angels of God guard us.
-Against the snares of the evil ones.
May the Christ be with us.
May the Christ be before us.
May the Christ be in us.
Christ be all over.
May Thy Grace, Lord
Always be ours.
This day, O Lord
and forever more. Amen

सोमवार, 8 मई 2017

Prayer to Jesus

Dear Lord,
Teach me to be generous,
Teach me to serve you as you deserve,
to give and not to count the cost,
to fight and not to heed the wounds,
to toil and not to seek for rest,
to labor and not to ask for reward,
save that of knowing, I am doing Your Will.

बुधवार, 3 मई 2017

Prayer to Mother Mary

O Mother of Perpetual Help, grant that I may never invoke thy most powerful name, which is the safeguard of the living and the salvation of the dying.
O Purest Mary, O Sweetest Mary, let thy name henceforth  be ever on my lips. Delay not, O Blessed Lady, whenever I call on thee,for, in all my needs, in all my temptations, I shall never cease to call on thee, ever repeating thy sacred name, Mary, Mary. 
Ishvani Prayer Team will pray to Mother Marry tomorrow. You can send your prayer requests.
Whatapp 9424582571

गुरुवार, 27 अप्रैल 2017


Shooting for youth oriented program of Ishvani- Voice of Youth धर्म को जानिए बेहतर 
with respected Bishop of Ujjain Diocese Dr Sebastian Vadakel  ji

शनिवार, 15 अप्रैल 2017

ईस्टर प्रार्थना

ईश्वर आपके पुत्र प्रभु ईसा ने हमे हर पल कुछ ना कुछ सिखाया है, हमे पाप से बचाया है, प्रभु ईसा हम आपकी सीखों का अनुसरण कर सकें। 
प्रभु ईसा आप प्रेम हैं-हमारे मन में प्रेम जगाइए।
प्रभु ईसा आप सत्य हैं - हमारे मन में सत्य का प्रकाश फैलाइये।  
प्रभु ईसा आप मार्ग हैं- हमारा मन आपके पथ पर चले।  
प्रभु ईसा आप जीवन हैं - हमारा जीवन संवार दीजिये।  
प्रभु ईसा आप मंजिल हैं- हमें अपना लीजिये।  
प्रभु ईसा आप प्रकाश हैं- हमें आलौकित करिये।  
प्रभु ईसा आप दयालु हैं - हम पर कृपा करिये।  
प्रभु ईसा आप चंगाई हैं - हमें चंगा करिये।  
प्रभु ईसा आप ज्ञान हैं - हमें शिक्षित करिये।  
प्रभु ईसा आप दाता  हैं - हमारी जरूरतों को पूरा करिये।  
प्रभु ईसा आप सहायक हैं - हमें सहारा दीजिये।  
प्रभु ईसा आप मुक्तिदाता हैं - हमें शरण में लीजिये।  

शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017

प्रभु ईसा

तुम्हारे पापों के लिए 
वह मनुष्यों द्वारा निन्दित एवं तिरस्कृत था. 
शोक का मारा और अत्यंत दुखी था.
लोग जिन्हें देख कर मुँह फेर लेते हैं. 
उनकी तरह ही वह तिरस्कृत और तुच्छ समझा जाता था. 
परन्तु वह हमारे ही रोगों को अपने ऊपर ले लेता था. 
और हमारे ही दुखों से लदा हुआ था.
और हम उसे दण्डित,
ईश्वर का मारा हुआ और तिरस्कृत समझते थे. 
हमारे पापों के कारण वह छेदित किया गया है. 
हमारे कुकर्मों के कारण वह कुचल दिया गया है. 
जो दंड भोगता था,
उसके कारण हमें शांति मिली है. 
और उसके घावों द्वारा हम भले चंगे हो गए हैं. 
हम सब अपना अपना रास्ता पकड़कर भेड़ों की तरह भटक रहे थे. 
उसी पर प्रभु ने हम सबों के पापों का भार डाला है. 
वह अपने पर किया गया अत्याचार धैर्य से सहता गया,
और चुप रहा. 
वध के लिए ले जाये जाने वाले मेमने की तरह,
और ऊन कतराने वाले के सामने चुप रहने वाली भेड़ के तरह उसने अपना मुँह नहीं खोला. 
वे उसे बंदीगृह और अदालत ले गए. 
कोई उसकी परवाह नहीं करता था. 
वह जीवितों के बीच से उठा लिया गया है. 
और वह अपने लोगों के पाप के कारण मारा गया है.
यद्यपि उसने कोई अन्याय नहीं किया था. 
उसके मुँह से कभी छल कपट की बातें नहीं निकली थीं.  
फिर भी उसकी कब्र विधर्मियों के बीच बनायी गयी. 
और वह धनियों के साथ दफनाया गया है. 
क्योंकी 
वह आप में  से हर एक को प्रेम करते हैं. 










मंगलवार, 28 मार्च 2017






                                                                 Easter Prayer
                                      अंधकार का परदा हटा, और चारों ओर प्रकाश फैल गया.
                                                               निराश के गर्त से, अनंत आशा का संचार हुआ
                                      अनंत जीवन ने मृत्यु के अभिशाप को मात दी,
                                                              जो लोगों को अंत लगा उससे सबसे सुन्दर आरम्भ हुआ
                                                       पुनरुत्थान  हुआ 

गुरुवार, 12 जनवरी 2017

तुम जो सर्वोच्च ईश्वर के आश्रय मैं रहते
और सर्वशक्तिमान की छत्रछाया में
सुरक्षित हो
तुम प्रभु से यह कहो तू ही मेरी
शरण है मेरा गढ़
मेरा ईश्वर तुझ पर ही भरोसा रखता हूँ
स्तोत्र 91:1-2

मैं संकट में उसका साथ दूंगा
मैं उसका उद्धार कर उसे महिमान्वित करूँगा
मैं उसे  दीर्घ आयु प्रदान करुँगा
स्तोत्र 91 :15 -16