गुरुवार, 12 जनवरी 2017

तुम जो सर्वोच्च ईश्वर के आश्रय मैं रहते
और सर्वशक्तिमान की छत्रछाया में
सुरक्षित हो
तुम प्रभु से यह कहो तू ही मेरी
शरण है मेरा गढ़
मेरा ईश्वर तुझ पर ही भरोसा रखता हूँ
स्तोत्र 91:1-2

मैं संकट में उसका साथ दूंगा
मैं उसका उद्धार कर उसे महिमान्वित करूँगा
मैं उसे  दीर्घ आयु प्रदान करुँगा
स्तोत्र 91 :15 -16 

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