आप लोग जो भी काम करें मन लगा कर करे मानो मनुष्यों के लिए नहीं बल्कि प्रभु के लिए काम कर रहे हों। प्रभु ईसा हमें यही सिखाते हैं। और यही बात हमारे रिश्तों के लिए भी सत्य है। हम रिश्तों को दिल से माने, दिल से सम्मान करें क्यूंकि हर रिश्ता प्रभु द्वारा ही प्रदत्त है। कहते हैं अगर हमें पेड़ को नष्ट करना है तो हमे उसकी जड़ों में नमक डाल देना चाहिए। अहंकार भी रिश्तों में नमक का काम करता है। तिरस्कारपूर्ण आँखें और घमंड से भरा हुआ ह्रदय , ये पापी मनुष्य के लक्षण हैं। हमें रिश्तों में मिठास बनाये रखना चाहिए और हमारे प्रभु ईसा ने प्रेम से सारे रिश्तों को प्रेम के धागे से पिरोने की आज्ञा दी है।
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