बुधवार, 29 अगस्त 2018

ईश्वर के चरणों में समर्पण

 `डरो मत मैं तुम्हारे साथ हूँ
चिंता मत करो मैं तुम्हारा ईश्वर हूँ
मैं तुम्हें सकती प्रदान कर तुम्हारी सहायता करूँगा
मैं अपने विजयी दाहिने हाथ से तुम्हें सम्भालूंगा
हम जब बस में यात्रा करते हैं तो अक्सर हमें नींद आ जाती है।  हम सो भी जाते हैं।  हम चिंता नहीं करते की गाड़ी ठीक तो चल रही है अर्थात हम ड्राइवर पर विश्वास करते हैं।  जीवन भी एक यात्रा है पर इस यात्रा में चिंता भय हमें ज्यादा रहता है।  हम अगर सोचें क्यों तो इसका जवाब भी हमें समझ आ जायेगा।  हम अक्सर जीवन की कमान अपने हाथों में रखते हैं।  स्वयं अपनी गाड़ी को नियंत्रित करना चाहते हैं।  हमें स्मरण नहीं रहता की हम मनुष्य हैं।  यही कारण है की हम दुःख कष्टों से घिरे , सत्य का मार्ग नहीं समझ पते वह मार्ग प्रभु ईसा स्वयं हैं।  जरुरत है अपने जीवन की कमान को ईश्वर के हाथों में सौंप दें।  हमें एहसास होगा की हममें असीम शक्ति है जो वे कार्य भी कर सकती है जो हमारी क्षमताओं से परे है।  ईश्वर हमारे साथ है तो कौन  हमारे विरुद्ध होगा। 


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