ईश्वर ने कहा पृथ्वी पर हरियाली लहलहाए बीजदर पौधे और फलदार पेड़ उत्पन्न हो जाएँ। ईश्वर ने संसार की सृष्टि की। इतना सुन्दर रचा की हम इतनी सुन्दर पृथ्वी पर रह सकें। भिन्न फूल पौधे पत्तियां फल। रंग बिरंगी तितलियाँ जब फूलों पर बैठती हैं हमारा मन पुलकित हो जाता है। पर हम ईश्वर की सुन्दर रचना की क़द्र नहीं करते। हम प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग ही नहीं कर रहे बल्कि ुणो नाश्ता कर रहे हैं। इस कारण प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं। पर्वतों को खोदना नदियों को प्रदूषित करना पृत्वी का हरियाली कवच बिगड़ना ही इसके कारन हैं।
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