हम लोगों में इतनी कमियाँ है फिर भी हम स्वयं को कितना प्रेम करते हैं लेकिन दूसरों की छोटी गलतियों के लिए भी हम उन्हें प्रेम नहीं करते। हमारे प्रभु ईसा का आदेश है - तुम लोगों ने सुना है कि कहा गया है -अपने पड़ोसी से प्रेम करो और अपने बैरी से बैर। परन्तु मैं तुमसे करता हूँ -अपने शत्रुओं से प्रेम करो और जो तुम पर अत्याचार करते हैं उनके लिए प्रार्थना करो। इससे तुम अपने स्वर्गिक पिता के संतान बन जाओगे क्यूंकि वह भले और बुरे दोनों पर अपना सूर्य उगाता तथा धर्मी और अधर्मी दोनों पर पानी बरसता है।
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