पवित्र ग्रन्थ के अनुसार थोड़ा सा खमीर सारे सने हुए आटे को खमीर बना देता है .................................. एक वृक्ष जिसकी शीतल छाँव में अनेक पुष्प पल्लवित होते हैं। हर पुष्प जो सुसमाचार की सुगंध को चारों दिशाओं में फैलाये। कुम्हार किस तरह मिट्टी को बरतन बना कर मूल्य प्रदान कर देता है। हम भी तो मिट्टी हैं दुर्बल मूल्यहीन जिसे प्रभु छू लें और ऐसा पात्र बना दें जिसमें उनके प्रेम का अक्षय भंडार हो।
प्रभु ईसा का सुसमाचार चारों दिशाओं में हर व्यक्ति तक पहुंचना , गरीबों की सेवा करना, दूसरों की प्रसन्नता में स्वयं प्रसन्न होना, यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए।प्रभु ईसा सहस्र सूर्यों के समान हैं। हम इतने महान नहीं पर हम दीपक बन कर कई लोगों को रह दिखा सकते हैं।
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