उस समय आत्मा ईसा को निर्जन प्रदेश ले चला जिससे शैतान उनकी परीक्षा ले ले।
ईसा चालीस दिन और चालीस रात उपवास करते रहे। इसके बाद उन्हें भूख लगी और परीक्षक ने पास आ कर उनसे कहा `यदि आप ईश्वर के पुत्र हैं तो कह दीजिये की ये पत्थर रोटियां बन जाएँ। ईसा ने उत्तर दिया लिखा है `मनुष्य रोटी से ही नहीं जीता है। वह ईश्वर के मुख से निकलने वाले हर एक शब्द के लिए जीता है।
[Mt 4:1-4]
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