शुक्रवार, 20 अप्रैल 2018

कार्यों की आवश्यकता

जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो `प्रभु, प्रभु कह कर मुझे क्यों पुकारते हो जो मेरे पास आ कर मेरी बातें सुनता है और उन पर चलता है-जानते हो वह किसके सदृश्य है वह उस मनुष्य के सदृश्य है जो घर बनाते समय गहरा खोदता और उसकी नीव चट्टान पर डालता है।  बाढ़ आती है और जल प्रवाह उस मकान से टकराता है किन्तु वह उसे ढा नहीं पता , क्यूंकि वह घर बहुत मजबूत बना है।  परन्तु जो मेरी बातें सुनाता है और उन पर नहीं चलता वह उस मनुष्य के सदृश्य है जो बिना नींव डाले भूमितल पर अपना घर बनता है।  जल-प्रवाह की टक्कर लगते ही वह घर ढह जाता है और उसका सर्वनाश हो जाता है। 
[Lk 6:46-49]

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