सोमवार, 17 सितंबर 2018

प्रभु ईसा हमारे मार्गदर्शक

उन्होंने सिमोन से कहा नाव गहरे पानी में ले चलो और मछलियां पकड़ने के लिए जाल डालो। सिमोन ने उत्तर दिया गुरुवार रातभर मेहनत करने के बाद भी हम कुछ नहीं पकड़ सके।  परन्तु आपके कहने पर मैं जाल डालूंगा।  ऐसा करने पर बहुत अधिक मछलियां फँस गयी और उनका जाल फटने को हो गया। 

प्रभु ईसा सिमोन से कहते हैं की मछली पकड़ने के लिए जाल डालो।  सिमोन रातभर मछली पकने का प्रयास कर रहा था।  पर मछली नहीं पकड़ पाया।  वह अत्यंत थका हुआ होगा।  फिर भी प्रभु ईसा के कहने पर वह नाव को आगे ले जाता है और जाल डालता है।  और उसका जाल मछलियों से भर जाता है।  प्रभु ईसा के बताये मार्ग पर चलने का पुरस्कार सदैव प्राप्त होता है।  हम इन वचन को समझें तो हमें लगता है की जब हम दूसरों को सुसमाचार सुनते हैं तो कई बार हम उनका मन परिवर्तन नहीं कर पाते।  कई बार हमारे प्रयास सफल नहीं होते।  तब हमें निराश न होकर विश्वासपूर्वक अपनी कार्ययोजना पर एक बार फिर सोच कर कार्य करना चाहिए।  साथ ही यह वचन हमें सिखाता है की आज्ञाकारिता कितनी महत्वपूर्ण है।  सिमोन प्रभु ईसा की आज्ञा नहीं मानते तो क्या उन्हें मछलियां मिलती।  और क्या वे प्रेरित बनाते। अतः हमें आज्ञाकारिता का पालन करना चाहिए। 


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