प्रार्थना स्वयं को ईश्वर के हाथों में सौंप देना है। यह कठिन कार्य है क्यूंकि आज की आपाधापी भरे जीवन में हमें सब कुछ इंस्टेंट चाहिए ईश्वर से कृपा भी। पर यह सही नहीं। प्रार्थना के लिए ध्यान की जरुरत है। हमारा अक्सर प्रार्थना में मन नहीं लगता। पर प्रार्थना जितनी सरल है उतनी ही मुश्किल भी। प्रभु ईसा स्वयं प्रार्थना करते थे। यह सत्य प्रार्थना की शक्ति को रेखांकित करता है। पवित्र ग्रंथ में कई स्थानों पर प्रार्थना कैसे करें और प्रभु ईसा प्रार्थना कैसे करते थे बताया है। प्रभु ईसा ने हमें हे हमारे पिता प्रार्थना सिखाई है जो आदर्श प्रार्थना है। पवित्र ग्रंथ कहता है की पवित्रात्मा हमारी अस्पष्ट आहों को भी ईश्वर तक पहुंचते हैं।
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