पवित्र आत्मा में विश्वास करने का अर्थ है उनकी पिता ईश्वर तथा पुत्र ईश्वर की तरह आराधना करना। इसका अर्थ है की हम विश्वास करें की पवित्र आत्मा हमारे दिल में पिता ईश्वर के ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं। प्रभु ईसा ने क्रुसारोपण से पूर्व अपने शिष्यों से वादा किया था की जब वे उनके साथ नहीं रहेगें तो उन्हें दूसरा सहायक भेजेगें। और जब पवित्र आत्मा शिष्यों के ऊपर उतरे तब उन्हें इसका अर्थ समझ में आया। उन्हें आत्मिक विश्वास और विश्वास में ख़ुशी प्राप्त हुई। वे भविष्यवाणियां कर सकते थे , चंगा कर सकते थे तथा चमत्कार कर सकते थे। आज भी कलीसिया में ऐसे लोग हैं जिनके पास ऐसे वरदान और अनुभव हैं। पवित्र आत्मा का प्रभु ईसा के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
`पवित्र आत्मा से गर्भवती हो गयी ' [Mt 1:18]
प्रभु ईसा को पवित्र आत्मा ने सर्वशक्तिमान ईश्वर का प्रिय पुत्र घोषित किया [Lk 4:16]
उनका मार्गदर्शन किया [Mk 1:12]
पुनरुत्थान के बाद प्रभु ईसा ने पवित्र आत्मा शिष्यों को प्रदान किया [Jn 20:22]
जिस प्रकार पिता ने मुझे भेजा उसी प्रकार में तुम्हें भेजता हूँ। [Jn 20:21]
पवित्र आत्मा कबूतर के रूप में प्रभु ईसा पर उतरे। ईसाईयों ने पूर्व में पवित्र आत्मा को स्वस्थ प्रदान करने वाला मरहम , पानी , उग्र तूफ़ान, आग के रूप में अनुभव किया। प्रभु ईसा ने स्वयं पवित्र आत्मा को परामर्शदाता, सहायक, सत्य का आत्मा के रूप में बताया है। कलीसिया के पवित्र संस्कारों में पवित्र आत्मा तेल के अभिषेक के द्वारा दिया जाता है। सर्वशक्तिमान ईश्वर ने नूह को जलप्रलय के बाद कबूतर के रूप में शांति का सन्देश दिया था। प्राचीनकाल में भी कबूतर प्रेम का प्रतीक माना जाता था। आज कबूतर शांति का तथा सर्वशक्तिमान ईश्वर और मनुष्य के मिलाप का प्रतीक माना जाता है। पवित्र आत्मा कलीसिया को बनाते तथा प्रेरित करते हैं। वे कलीसिया को अपने मिशन का स्मरण करते हैं। वे लोगों को सेवा के लिए बुलाते हैं और उनको जरुरी वरदान भी देते हैं। पवित्र आत्मा हमें त्रिएकईश्वर के समीप ले जाते हैं। पवित्र आत्मा हमें सर्वशक्तिमान ईश्वर के प्रति ग्रहणशील बनाते हैं। पवित्र आत्मा हमें प्रार्थना करना सिखाते हैं तथा मुझे दूसरों की सहायता के लायक बनाते हैं। संत अगस्तिन ने पवित्र आत्मा को हमारी आत्मा का शांत मेहमान कहा है। जो उनकी उपस्थिति महसूस करना चाहता है उसे शांत रहना होगा। अक्सर पवित्र आत्मा हमसे धीमी आवाज में बात करते हैं। हमारी आत्मा की आवाज के रूप में या आतंरिक प्रेरणा के रूप में। जितना हम पवित्र आत्मा के प्रति ग्रहणशील होते हैं उतना ही वे हमारे जीवन को वरदानों से परिपूरित करते हैं।
`पवित्र आत्मा से गर्भवती हो गयी ' [Mt 1:18]
प्रभु ईसा को पवित्र आत्मा ने सर्वशक्तिमान ईश्वर का प्रिय पुत्र घोषित किया [Lk 4:16]
उनका मार्गदर्शन किया [Mk 1:12]
पुनरुत्थान के बाद प्रभु ईसा ने पवित्र आत्मा शिष्यों को प्रदान किया [Jn 20:22]
जिस प्रकार पिता ने मुझे भेजा उसी प्रकार में तुम्हें भेजता हूँ। [Jn 20:21]
पवित्र आत्मा कबूतर के रूप में प्रभु ईसा पर उतरे। ईसाईयों ने पूर्व में पवित्र आत्मा को स्वस्थ प्रदान करने वाला मरहम , पानी , उग्र तूफ़ान, आग के रूप में अनुभव किया। प्रभु ईसा ने स्वयं पवित्र आत्मा को परामर्शदाता, सहायक, सत्य का आत्मा के रूप में बताया है। कलीसिया के पवित्र संस्कारों में पवित्र आत्मा तेल के अभिषेक के द्वारा दिया जाता है। सर्वशक्तिमान ईश्वर ने नूह को जलप्रलय के बाद कबूतर के रूप में शांति का सन्देश दिया था। प्राचीनकाल में भी कबूतर प्रेम का प्रतीक माना जाता था। आज कबूतर शांति का तथा सर्वशक्तिमान ईश्वर और मनुष्य के मिलाप का प्रतीक माना जाता है। पवित्र आत्मा कलीसिया को बनाते तथा प्रेरित करते हैं। वे कलीसिया को अपने मिशन का स्मरण करते हैं। वे लोगों को सेवा के लिए बुलाते हैं और उनको जरुरी वरदान भी देते हैं। पवित्र आत्मा हमें त्रिएकईश्वर के समीप ले जाते हैं। पवित्र आत्मा हमें सर्वशक्तिमान ईश्वर के प्रति ग्रहणशील बनाते हैं। पवित्र आत्मा हमें प्रार्थना करना सिखाते हैं तथा मुझे दूसरों की सहायता के लायक बनाते हैं। संत अगस्तिन ने पवित्र आत्मा को हमारी आत्मा का शांत मेहमान कहा है। जो उनकी उपस्थिति महसूस करना चाहता है उसे शांत रहना होगा। अक्सर पवित्र आत्मा हमसे धीमी आवाज में बात करते हैं। हमारी आत्मा की आवाज के रूप में या आतंरिक प्रेरणा के रूप में। जितना हम पवित्र आत्मा के प्रति ग्रहणशील होते हैं उतना ही वे हमारे जीवन को वरदानों से परिपूरित करते हैं।
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