मंगलवार, 19 जून 2018

संस्कारों का महत्व

हमें संस्कार चाहिए ताकि हम छोटे मनुष्य जीवन से प्रभु ईसा द्वारा प्रभु ईसा के जैसे हो जाएँ-महिमा में सर्वशक्तिमान ईश्वर के बच्चे।  बपतिस्मा द्वारा मनुष्य के पाप में गिरे बच्चे सर्वशक्तिमान ईश्वर के प्रिय बच्चे बन जाते हैं।  दृढीकरण के द्वारा कमजोर शक्तिशाली बन जाते हैं, प्रतिबद्ध ईसाई बनते हैं।  पाप स्वीकार के द्वारा दोषी पुनः सर्वशक्तिमान ईश्वर से मिलता है।  परमप्रसाद के द्वारा भूखे दूसरों की रोटी बनते हैं।  विवाह , पुरोहिताभिषेक द्वारा व्यक्ति प्रेम का सेवक बन जाता है।  तेल मलन द्वारा हताश लोगों में आत्मविश्वास का संचार होता है। प्रभु ईसा सारे संस्कारों में विद्यमान संस्कार हैं।  प्रभु ईसा में हर मनुष्य जो स्वार्थी है जीवन में प्रेम से विकसित और परिपक्व होते हैं। 

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