शुक्रवार, 22 जून 2018

प्रभु ईसा के आशीर्वचन

धन्य हैं वे जो अपने को दीन हीन समझते हैं।  स्वर्गराज्य उन्हीं का है। 
धन्य हैं वे जो नम्र हैं उन्हें प्रतिज्ञात देश प्राप्त होगा। 
धन्य हैं वे जो शोक करते हैं उन्हें सान्तवना मिलेगी
धन्य हैं वे जो धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं।  वे तृप्त किये जायेगें। 
धन्य हैं वे जो दयालु हैं उन पर दया की जाएगी। 
धन्य हैं वे जिनका ह्रदय निर्मल है वे ईश्वर के दर्शन करेगें। 
धन्य हैं वे जो मेल करते हैं।  वे ईश्वर के दर्शन करेगें। 
धन्य हैं वे जो धार्मिकता के कारन अत्याचार सहते हैं स्वर्गराज्य उन्हीं का है। 
धन्य हो तुम जब लोग मेरे कारन तुम्हारा अपमान करते हैं तुम पर अत्याचार करते हैं और तरह तरह के झूठे दोष लगते हैं।  खुश हो और आनंद मनाओ -स्वर्ग में तुम्हें महान पुरस्कार प्राप्त होगा।  तुम्हारे पहले के नबियों पर भी इसी तरह अत्याचार किया गया। 
[Mt 5:3-12]

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