बुधवार, 20 जून 2018

संस्कार द्वारा विश्वास

संस्कार जादू नहीं हैं।  संस्कार असरदार तभी होगें जब उन्हें कोई विश्वास द्वारा समझता और अपनाता है।  विश्वास का होना संस्कारों के लिए आवश्यक है और संस्कार विश्वास को शक्ति देते और अभिव्यक्त करते हैं।  प्रभु ईसा ने प्रेरितों को शिक्षण के द्वारा शिष्य बनाया।  दूसरे शब्दों में उनके विश्वास को जागृत कर फिर बपतिस्मा लेने के लिए कहा।  अतः हम कलीसिया से दो चीज़ें प्राप्त कर सकते हैं -विश्वास और संस्कार।  आज भी ईसाई किसी रजिस्टर में नाम लिखवा कर नहीं बन सकते।  हम कलीसिया द्वारा सच्चा विश्वास प्राप्त करते हैं।  कलीसिया का विश्वास उपासना विधि द्वारा अभिव्यक्त होता है। 


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