रविवार, 3 जून 2018

काना में विवाह

तीसरे दिन गलीलिया के काना में एक विवाह था।  ईसा की माता वहीं थीं।  ईसा और उनके शिष्य भी विवाह में निमंत्रित थे।  अंगूरी समाप्त हो जाने पर ईसा की माता ने उन से कहा `उन लोगों के पास अंगूरी नहीं रह गयी है।'  ईसा ने उत्तर दिया `भद्रे इससे मुझ को और आप को क्या। अभी तक मेरा समय नहीं आया है।'  उनकी माता ने सेवकों से कहा `वे तुम लोगों से जो कुछ कहें वही करना।  वहां यहूदियों के शुद्धिकरण के लिए पत्थर के छह मटके रखे थे।  उन में दो-दो तीन-तीन मन समता था।  ईसा ने सेवकों से कहा `मटकों में पानी भर दो'।  सेवकों ने उन्हें लबालब भर दिया। फिर ईसा ने उन से कहा `अब निकाल कर भोज के प्रबंधक के पास ले जाओ'।
उन्होंने ऐसा ही किया।  प्रबंधक ने  पानी चखा जो अंगूरी बन गया था।  उसे मालूम नहीं था की वह अंगूरी कहाँ से आयी है।  जिन सेवकों ने पानी निकला था वे जानते थे। 
[Jn 2:9]


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