सोमवार, 9 जुलाई 2018

ईश्वर का प्रेम

और कहना ही क्या है।  यदि ईश्वर हमारे साथ है तो कौन हमारे विरुद्ध होगा।  उसने अपने निजी पुत्र को भी नहीं बचाया उसने हम सबों के लिए उसे समर्पित कर दिया।  तो इतना देने के बाद क्या वह हमें सब कुछ नहीं देगा।  जिन्हे ईश्वर ने चुना है उन पर कौन अभियोग लगा सकेगा।  जिन्हें ईश्वर ने दोषमुक्त कर दिया है उन्हें कौन दोषी ठहराएगा।  क्या ईसा मसीह ऐसा करेगें।  वह तो मर गए बल्कि जी उठे और ईश्वर के दाहिने विराजमान हो कर हमारे लिए प्रार्थना करते रहते हैं। 


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