गुरुवार, 19 जुलाई 2018

भातृप्रेम का गुणगान

प्रेम सहनशील और दयालु है।  प्रेम न तो ईर्ष्या करता न डिंग मरता न घमंड करता है।  प्रेम अशोभनीय व्यवहार नहीं करता।  वह अपना स्वार्थ नहीं खोजता।  प्रेम न तो झुंझलाता है न बुराई का लेखा रखता है।  वह दूसरों के पाप से नहीं बल्कि उनके सदाचरण से प्रसन्न होता है।  वह सब कुछ ढांक देता है सब कुछ पर विश्वास करता है सब कुछ की आशा करता है और सब कुछ सह लेता है। 


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