हम मसीह के प्रति श्रद्धा रखने के कारन एक दूसरे के अधीन रहें। पति उस तरह पत्नी का शीर्ष है जिस तरह मसीह कलीसिया के शीर्ष हैं और उसके शरीर के मुक्तिदाता। जिस तरह कलीसिया मसीह के अधीन रहती है उसी तरह पत्नी को भी सब बातों में अपने पति के अधीन रहना चाहिए। पतियों अपनी पत्नी को उसी तरह प्यार करो जिस तरह मसीह ने कलीसिया को प्यार किया। उन्होंने उसके लिए अपने को अर्पित किया जिससे वह उसे पवित्र कर सकें और वचन तथा जान के स्नान द्वारा शुद्ध कर कर सकें क्यूंकि वह एक ऐसी कलीसिया अपने सामने उपस्थित करना चाहते थे जो महिमामय हो जिस में न दाग हो न झुर्री और न कोई दूसरा दोष जो पवित्र और निष्कलंक हो।
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