ईसा ने पवित्रात्मा से परिपूर्ण हो कर आनंद के आवेश में कहा `पिता स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु मैं तेरी स्तुति करता हूँ क्यूंकि तूने इन सब बातों को ज्ञानियों और समझदारों से छिपा कर निरे बच्चों पर प्रगट किया है। हाँ पिता तुझे यही अच्छा लगा। मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है। पिता को छोड़ कर यह कोई नहीं जानता की पुत्र कौन है और पुत्र को छोड़ कर यह कोई भी नहीं जानता की पिता कौन है। केवल वही जनता है जिस पर पुत्र उसे प्रगट करने की कृपा करता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें