ईसा यात्रा करते करते एक गांव आये और मरथा नामक महिला ने अपने यहाँ उनका स्वागत किया। उसके मरियम नामक एक बहन थी जो प्रभु के चरणों में बैठ कर उनकी शिक्षा सुनती रही। किन्तु मरथा सेवा सत्कार के अनेक कार्यों में व्यस्त थी। उसने पास आ कर कहा `प्रभु क्या आप यह ठीक समझते हैं की मेरे बहन ने सेवा सत्कार का पूरा भार मुझ पर ही छोड़ दिया है। उस से कहिये की वह मेरी सहायता करे। प्रभु ने उसे उत्तर दिया `मरथा मरथा तुम बहुत से बातों के विषय में चिंतित और व्यस्त हो फिर भी एक ही बात आवश्यक है। मरियम ने सबसे उत्तम भाग चुन लिया है वह उससे नहीं लिया जायेगा।
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हे ईश्वर आप की अनंत कृपाओं के लिए हम आपका धन्यवाद करते हैं प्रभु ईसा आप हमारे तारणहार, पालनहार, रक्षक , मुक्तिदाता हैं हम आपकी शरण में है...
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Dear believers and friends, Jesus said ` Therefore go and make disciples of all nations, baptizing them in the name of the Fathe...
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