किसी दिन एक शास्त्री आया और ईसा की परीक्षा करने के लिए उसने यह पूछा `गुरुवर अनंत जीवन का अधिकारी होने के लिए मुझे क्या करना चाहिए' ईसा ने उस से कहा `संहिता में क्या लिखा है ' तुम उस में क्या पढ़ते हो? उसने उत्तर दिया `अपने प्रभु - ईश्वर को अपने सारे ह्रदय अपने सारी आत्मा, अपनी सारी शक्ति और अपनी सारी बुद्धि से प्यार करो और अपने पडोसी को अपने समान प्यार करो। ईसा ने उससे कहा `तुमने ठीक उत्तर दिया। यही करो और तुम जीवन प्राप्त करोगे।
[Lk 10:25-28]
[Lk 10:25-28]
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