मंगलवार, 8 मई 2018

भला गड़ेरिया मैं हूँ

भला गड़ेरिया मैं हूँ।  भला गड़ेरिया अपनी भेड़ों के लिए अपने प्राण दे देता है।  मजदूर जो न भेड़िया है और न भेड़ों का मालिक भेड़िये को आते देख भेड़ों को छोड़ कर भाग जाता है और भेड़िया उन्हें लूट ले जाता और तीतर बितर कर देता है।  मजदूर भाग जाता है क्यूंकि वह तो मजदूर है और उसे भेड़ों की कोई चिंता नहीं। 
भला गड़ेरिया मैं हूँ।  जिस तरह पिता मुझे जानता है और मैं पिता को जानता हूँ उसी तरह मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँ और भेड़ें मुझे जानती है।  मैं भेड़ों के लिए अपना जीवन अर्पित करता हूँ।  मेरी और भी भेड़ें हैं जो इस भेड़शाला में नहीं हैं।  मुझे उन्हें भी ले आना है।  वे भी मेरी आवाज़ सुनेंगी।  तब एक ही झुंड होगा और एक ही गड़ेरिया। 
[Jn 10:11-16]

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